टैली कितने प्रकार के होते हैं | Tally Kitne Prakar Ke Hote Hai

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हेलो दोस्तो आज  के इस आर्टिकल में हम बताने जा रहे हैं कि टैली कितने प्रकार के होते हैं– Tally Kitne Prakar Ke Hote Hai इसी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। 

अगर आप कंप्यूटर का उपयोग करते हैं एवं कॉमर्स या मैथ के विद्यार्थी है तो आपने टैली (Tally) का नाम जरूर कभी ना कभी सुने होंगे। यदि आप नहीं भी जानते हैं तो कोई बात नहीं क्योंकि आज के इस लेख में आप जानने वाले हैं टैली क्या है एवं टेली कितने प्रकार के होते हैं? 

किसी भी बिजनेस के हिसाब किताब को मेंटेनेंस करने के लिए आज के समय पर टैली का उपयोग किया जाता है, लेकिन पहले बिजनेस को मेंटेनेंस करने के लिए रजिस्टर में मैनुअली मेंटेनेंस करते थे।

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वर्तमान समय में टैली 1 बहुत ही डिमांडिंग कोर्सों में से हो चुके हैं अभी के समय पर लगभग सभी बिजनेसमैन Tally से अपने बिजनेस को मेंटेनेंस किया जाता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि टैली कितने प्रकार के होते हैं– Tally Kitne Prakar Ke Hote Hai एवं इसके अलावा अन्य कई सारे सवालों के ऊपर चर्चा करने वाले हैं।

टैली कितने प्रकार के होते हैं (Tally Kitne Prakar Ke Hote Hai)

टैली कोर्स मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं पहला बेसिक टैली एवं दूसरा एडवांस टैली यदि आप करना चाहते हैं तो कर सकते हैं:–

  1.  Basic Tally (बेसिक टैली)
  2. Advance Tally (एडवांस टैली)

यदि आप पहले Basic Tally Course (बेसिक टैली) सीखना चाहते हैं तो इस कोर्स की अवधि 3 महीने की होती है, उसके बाद एडवांस टैली को करने के लिए आपको कुछ महीनों का और अतिरिक्त समय लगते हैं। 

हालांकि आज के समय पर कई सारे ऐसे भी इंस्टिट्यूट है जोकि बेसिक (Basic Tally) से एडवांस (Advance Tally) को 3 महीने में सिखा देते हैं।

टेली क्या है? (Tally Kya Hai)

टैली अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है इस सॉफ्टवेयर के द्वारा हम कंपनी के हिसाब किताब को रख सकते हैं इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप किसी भी वित्तीय संबंधित लेखा-जोखा यानी कि हिसाब किताब को आप कभी भी देख सकते हैं। आज के समय पर काफी पॉपुलर कोर्स टैली बन चुका है।

टैली कोर्स सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रचलित है। जिस प्रकार पहले के समय में प्रत्येक कंपनी के पास यह किया एक से ज्यादा मुनीम हुआ करते थे जिसमें की आपके बिजनेस का सहारा लेखा-जोखा का मेंटेनेंस करता था। 

आपकी कंपनी या बिजनेस में कितना लाभ या हानि हो रहा है तथा उधारी एवं एडवांस में गए हैं इन सारी चीजों का जानकारियां रखना करते थे। उसी प्रकार आज के समय पर डिजिटल जमाने में इस टैली सॉफ्टवेयर में सारा हिसाब किताब रखा जाता है। 

जिसे मेंटेनेंस करने के लिए अकाउंटेंट रखा जाता है यदि आप भी अकाउंटेंट के तौर पर पार्ट टाइम या फुल टाइम जॉब करना चाहते हैं तो इस कोर्स को करने के बाद कर सकते हैं।

MUST READS:–

1.कंप्यूटर कोर्स करने के बाद क्या करे? 
2.ऑफिस वर्क के लिए कंप्यूटर कोर्स कौन कौन से हैं? 
3.कंप्यूटर कोर्स कितने महीने का होता है? 

Tally के Versions कितने प्रकार के होते हैं?

Tally के Versions निम्न है सर्वप्रथम टैली 3.0 से शुरू किया गया था बाद में धीरे-धीरे करके अपडेट लाते लाते कई सारे टैली के संस्करण (Versions) आया। आइए आप एक-एक करके विस्तार से अब जानने का प्रयास करते हैं:–

Tally 3.0 यह सर्वप्रथम 1990 में लाया गया था इसे छोटे व्यवसाय वाले इस्तेमाल करते थे।

Tally 3.12 फिर आया इसे 1991 में लाया गया था इसमें हल्का फुल्का अपडेट किया गया।

Tally 4 को 1993 में लाया गया इसे माइक्रोसॉफ्ट डॉस के द्वारा समर्थन किया। 

Tally 4.5 को 1994 में  लाया गया यह वर्जन एक डॉस पर आधारित वर्जन था।

Tally 5 का बात करें तो 1996 में लाया गया इसमें कुछ फीचर्स को बढ़ाया गया जिसमें की सूची के खाता की पूरी जानकारियों को रखा जाता था।

Tally 5.4 को 1996 में लाया गया यह एक ग्राफिक्स इंटरफेस वर्जन था जो कि जनता के द्वारा काफी लोकप्रियता मिला। यह वर्जन कम समय में एक अच्छा अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर बना दिया।

Tally 6.3 को ऐसे करके लाया गया 2001 में इस वर्जन को वाटरटाइट सिक्योरिटी के द्वारा बनाया गया जिससे कि सॉफ्टवेयर को क्रैक ना कर सके।

Tally 7.2 यह वर्जन 2005 में बनाया गया उस समय इस वर्जन में स्पीड को लेकर लाया गया जिससे कि काफी तेजी से काम करता था एवं कई नए-नए फ्यूचर्स भी बढ़ाए गए। 

Tally 8.1 संस्करण में पीओएस एवं पैरोल फीचर्स को जोड़ा गया इस कोर्स को सन 2006 में लाया गया था।

Tally 9 में फिर से नए नए फीचर्स को जोड़ा गया जैसे कि एफबीटी, टीडीएस (TDS), उत्पाद शुल्क (Excise), पेरोल (Payroll), ई-टीडीएस (E- TDS), और लेखांकन और सूची प्रबंधन आदि। इस वर्जन को 2006 में बनाया गया।

Tally ERP 9 में काफी सारे सुविधाएं उपलब्ध कराए गए जैसे कि कई सारे भाषा, जीएसटी, बहु-उपयोगकर्ता लॉगिन और लेनदेन प्रक्रिया, पेरोल, रिमोट एक्सेस इत्यादि। यह 2009 में इस वर्जन को लाया गया था जिससे कि उह समय नवीनतम संस्करण मार्केट में लाया गया था।

ऐसे ही करके Tally ERP 9 Release 5.0, 6.4.8, 6.5.5, 6.6.3, 2.0.1 नए-नए संस्करणों को लाते गए एवं धीरे-धीरे करके अपने कमियों को सुधार कर नए-नए फीचर्स और भी जोड़ते गए।

FAQ’S:–

सवाल : टैली में वाउचर कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर– टैली में वाउचर दो प्रकार के वाउचर होते हैं। अकाउंटिंग वाउचर और इन्वेंट्री वाउचर हैं।

सवाल : टैली के कितने वर्जन है?

उत्तर– टैली के कई सारे वर्जन हैं जैसे कि Tally 5.4, Tally 6.3, Tally 7.2 Tally 8.1 और Tally 9.0 Version जारी किये गए।

सवाल : टैली की मूल बातें क्या है?

उत्तर– टैली की मूल बातें यह है कि अब डिजिटल अपने बिजनेस को मेंटेनेंस कर सकते हैं अपने बिलों को एंट्री का रख सकते हैं। Sale, Purchase, Bank Statement इत्यादि जैसे भोचर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

FINAL WORDS:–

हमने इस लेख के माध्यम से जानें टैली कितने प्रकार के होते हैं | Tally Kitne Prakar Ke Hote Hai, Tally के Versions कितने प्रकार के होते हैं, टेली क्या है? (Tally Kya Hai) इन सब के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास किया इसके अलावा भी कई सारे सवालों का जवाब देने का प्रयास किया।

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